5 Tips about कैसे आत्मविश्वास बढ़ाएं You Can Use Today
5 Tips about कैसे आत्मविश्वास बढ़ाएं You Can Use Today
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“एक बूढ़ा आदमी आज खुश है, वह किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता है, मुस्कुराता है, और यहां तक कि उसका चेहरा भी ताजा हो जाता है।”
पंचतंत्र की कहानी: मूर्ख बातूनी कछुआ – murkh batuni kachua
जीवन के अद्भुत रहस्य गुरू गौर गोपाल दास
अपने जीवन में फ़ालतू चीज़ों को महत्व न दें केवल अच्छी चीज़ों को महत्त्व देना सीखें।
कलाम एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे जिन्होंने सादगी और विनम्रता से जीवन जीया।
हमें गाँधी जी के इस प्रसंग से यह सीख अवश्य लेनी चाहिए की हम कभी भी किसी के साथ छूआछूत नहीं करेंगे. ऐसा करने पर हम किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि मानवता का दिल दुखाते है जो बिलकुल भी उचित नहीं.
मैं उन सभी को एक साथ क्यों नहीं ले सकता और बहुत पैसा कमा सकता हूं? ”
एक समय की बात है सुबह-सुबह एक गरीब व्यक्ति राजा के दरबार में पहुँचता है। और राजा को अपनी गरीबी की करुण गाथा बताने लगता है। राजा को उस व्यक्ति की दरिद्रा की कहानी सुनकर बहुत ही ज्यादा दुःख होता है और उस व्यक्ति के लिए दया आ जाती है।
पंचतंत्र की कहानी: संगत का प्रभाव – sangati ka asar – Youngsters stories
उसने खरगोश को जाने दिया और हिरण के पीछे चला गया। लेकिन हिरण जंगल में गायब हो गया था। शेर अब खरगोश को भी खोके खेद महसूस कर रहा था।
'अरे भाई, यह भी बहुत कीमती हैं। मुझ जैसे गरीब के लिए कम मूल्य की साड़ियाँ दिखलाइए, जिन्हें मैं खरीद सकूँ।' शास्त्रीजी बोले।
हाथी अन्य कमजोर जानवरों को बचाना चाहता था और बाघ के पास गया और कहा “कृपया सर, मेरे दोस्तों को अकेला छोड़ दें। उन्हें मत खाओ ”। बाघ ने उसकी बात नहीं सुनी और हाथी से अपने खुद के व्यवसाय के लिए कहा। समस्या को हल करने का कोई अन्य तरीका न देखकर, हाथी ने बाघ को लात मार दी और वह मर गया।
उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है here कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।
और बोला मै आ गया हूँ आप बताइये की आपके लिए क्या करूं, व्यक्ति की इस बात में अहंकार झलक रही थी।